Thứ Sáu, 16 tháng 1, 2015

धर्म और धंधा

यही आज के ज़माने की सचाई है की धर्म एक धंधा बन गया है सब  के लिए जबकि धर्म के पैसे से कोई भी सम्बन्ध नहीं है। पैसा तो दुनिया में फसाने वाली चीज है जो ज्ञान मार्ग और मुक्ति मार्ग में रूकावट है। पर यह भी नहीं  है की पैसा होना रूकावट है असल में पैसे में मन का  हुआ होना ही सबसे बड़ी रूकावट है। यही सबसे बड़ी भूल है। पर आज चारो तरफ अगर नजर मर कर हम देखते है तो बहुत सरे बाबा लोग धर्म की परिभाषा हमारे सामने गलत पेश कर रहे है जो  की सारा सर झूठ बात है पर असल में सबका एक ही लक्ष है धन माया क्योकि धर्म की शिक्षा ही माया के ऊपर टिकी हुए है क्योकि वो सब लोग जो बाबा बने हुए है सबकी एक ही मंशा है की किसी तरह दुनिया को लूट कर पैसा इकठा  कर लिया जाये जो  की सारा सर गलत बात है पर अगर हम देखते भी है की क उष बाबा लोग ठीक भी हो सकते है पर सभी के बारे में हम ऐसा नहीं कह सकते है क्योकि कुश लोग दुनिया में  ज्ञान का प्रचार प्रसार कर रहे है पर ऐसे लोग बहुत काम ही है नहीं तो वो दुनिया के सामने है और न ही दुनिया में उनकी कोई भी बात है यही यहाँ की सचाई है की सच का सामना करना हर किसी के बस की बात नहीं है और जब लोगो के सामने ऐसे पाखंडी बाबा लोगो की सचाई सामने अति है तो लोगो की शारदा टूट जाती है और यही  बात कभी कभी दंगो का रूप भी ले लेती है। पर असल में यदि ह उम देखगे की यही देहस और दुनिया में रहा है धर्म और जाती के नाम पर लोगो को लड्डा कर लूटा जा रहा है। इस सभी का एक ही हल है की लोग खुद ज्ञान और अज्ञान में से फैसला करना सीख ले की क्या हम जिस मार्ग पर चल रहे है उसमे हमारे सामने कोई ऐसा संत तो नहीं जिसको लोभ वष होकर पैसा   लालच है और वही हम सबको एक कुए की और धकेल रहा है जिसमे न सिर्फ पड़ी लिखी श्रेणी है बल्कि अनपढ़ तबका ज्यादा है और ऐसा संत का अंत  चुके है की क्या होता है। रामपाल और आसाराम जैसे लोगो का अंत हमारे सामने ही है उसकी क्या दशा हुए है। अब  इस देश को जागने के टाइम है अगर यह देश इस पाखंड की नींद से न जागा तो न जाने इस देश  हाल होगा

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