Chủ Nhật, 25 tháng 1, 2015

दान का असली अर्थ

संसार में दान की बड़ी चर्चा है और कई लोगो के लिए यह दान लोगो से पैसे वसूलने का एक हथकंडा भी है और इसी के ज़रिये वो लोगो की कड़ी कमाई लूट कर अपने आश्रम और अपने लिए ऐश का जीवन जी रहे है। पर क्या यह दान है क्या इस दान का कोई लाभ किसी को मिल रहा है ,और यह दान किस काम का जो केवल मूर्ती के अग्गे रख दिया जाये और फिर एक बैंक में बी हर दिया जाये और लाखो की हेराफेरी उसमे होती हो यही ऐसी बात है जिसकी वजह से मुर्ख लोगो को समज में नहीं अत है की ऐसे दान से तो किसी गरीब को कुश दे दिया जाये। असल में गलत लोगो के प्रचार के कारन ह ई इन लोगो ने जनता को लोभी बना रखा है जिसकी वजह से ए दिन नए नए कारनामे हमे दिखाई दे रहे है और लोग लोभ वष होकर अगले जनम में १० गुना धन की आस लगाये यहाँ पर करोडो का पैसा मूर्तियों और ऐसे कामो में बर्बाद कर देते है जिनका कोई अर्थ भी  नहीं होता है ,देश में सबसे ज्यादा पैसा धार्मिक कामो पर खरच किया जाता है और यही एक ऐसा काम है जिससे  बड़ी बर्बादी होती है एक तरफ पी के जैसे फिल्म्स में धर्मो के पाखंड को दिखाया जाता है और दूसरी तरफ इस पर बहस होती है की यह  किसी के धरम के ऊपर  आस्था के ऊपर हमला है , से देखा जाये धर्मो में जो पाखंड है वो सबको पता है की क्या क्या है पर बस अब लोगो की आदत हो चली है की उन कामो को आँख मूँद कर उसकी पलना करते  चले अ रहे है और असली बात क्या है यह हम सब भूल जाते है। पर इसका कसूर बार कौन है ,बेशक हम लोग ही है अगर हम ल ओग पैसा देना ही बंद और यह पैसा अगर देना भी है तो कही ऐसी जगह दे जैसे किसी गरीब बेटी की शादी करवा दी और किसी को खाना खिला दिया अगर हमारे पास कुश ज्यादा है तो क्यों न उन लोगो से इसको बाटा जाये जिनको इसकी जरुरत है न की किसी जड़ वास्तु के अग्गे अर्पण कर दिया जाते अगर देश के सभी लोग इस पाखंड वाद के ऊपर शिकंजा कस ले तो यह सम्भव ही नहीं है की किसी पाखंडी की दाल यहाँ गाल जाये और यह केवल  ज्ञान के द्वारा ही सम्भव है। ऐसा दान ही सच दान है क्यों दान शब्द भी असल में ठीक नहीं है क्योकि दान तो अपने से छोटे को दिया जाता है पर जब सब इंसान ही बराबर है तो छोटा बड़ा कौन है ,और यह बात भी है की विद्या दान किसी को अज्ञानता के अँधेरे से बाहर निकल देना ही एक सच दान है। बाकि कोई चीज हम दान कर भी नहीं सकते है क यो सभी चीजे तो परमेश्वर ने हमे दान में दी हुए है और हम तो सिर्फ उसकी ही दी हुए चीजे देकर आदान प्रदान कर सकते है। देश में भड़ती गरीबी का कारन यह भी एक है की मंदिरो में दान देना जिसपर टैक्स बहुत काम होता है और कभी कभी तो नहीं होता है  ऐसे स्थानो पर दिया हुआ पैसा वहाँ पर ही रह  जाता है और उसका कही आदान प्रदान नहीं होता है जिसके की वजह से पैसा रुक जाता है और देश में गरीबी को पैदा करने में मदद  करता है। हम सबको ही इस बात का प्रन लेना चाइए की अज्ज से हम ऐसा ही दान करेंगे और अगर ऐसा दान  लग जाये तो इस देहस और दुनिया की तस्वीर ही  बदल जाये

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