Chủ Nhật, 25 tháng 1, 2015

दान का असली अर्थ

संसार में दान की बड़ी चर्चा है और कई लोगो के लिए यह दान लोगो से पैसे वसूलने का एक हथकंडा भी है और इसी के ज़रिये वो लोगो की कड़ी कमाई लूट कर अपने आश्रम और अपने लिए ऐश का जीवन जी रहे है। पर क्या यह दान है क्या इस दान का कोई लाभ किसी को मिल रहा है ,और यह दान किस काम का जो केवल मूर्ती के अग्गे रख दिया जाये और फिर एक बैंक में बी हर दिया जाये और लाखो की हेराफेरी उसमे होती हो यही ऐसी बात है जिसकी वजह से मुर्ख लोगो को समज में नहीं अत है की ऐसे दान से तो किसी गरीब को कुश दे दिया जाये। असल में गलत लोगो के प्रचार के कारन ह ई इन लोगो ने जनता को लोभी बना रखा है जिसकी वजह से ए दिन नए नए कारनामे हमे दिखाई दे रहे है और लोग लोभ वष होकर अगले जनम में १० गुना धन की आस लगाये यहाँ पर करोडो का पैसा मूर्तियों और ऐसे कामो में बर्बाद कर देते है जिनका कोई अर्थ भी  नहीं होता है ,देश में सबसे ज्यादा पैसा धार्मिक कामो पर खरच किया जाता है और यही एक ऐसा काम है जिससे  बड़ी बर्बादी होती है एक तरफ पी के जैसे फिल्म्स में धर्मो के पाखंड को दिखाया जाता है और दूसरी तरफ इस पर बहस होती है की यह  किसी के धरम के ऊपर  आस्था के ऊपर हमला है , से देखा जाये धर्मो में जो पाखंड है वो सबको पता है की क्या क्या है पर बस अब लोगो की आदत हो चली है की उन कामो को आँख मूँद कर उसकी पलना करते  चले अ रहे है और असली बात क्या है यह हम सब भूल जाते है। पर इसका कसूर बार कौन है ,बेशक हम लोग ही है अगर हम ल ओग पैसा देना ही बंद और यह पैसा अगर देना भी है तो कही ऐसी जगह दे जैसे किसी गरीब बेटी की शादी करवा दी और किसी को खाना खिला दिया अगर हमारे पास कुश ज्यादा है तो क्यों न उन लोगो से इसको बाटा जाये जिनको इसकी जरुरत है न की किसी जड़ वास्तु के अग्गे अर्पण कर दिया जाते अगर देश के सभी लोग इस पाखंड वाद के ऊपर शिकंजा कस ले तो यह सम्भव ही नहीं है की किसी पाखंडी की दाल यहाँ गाल जाये और यह केवल  ज्ञान के द्वारा ही सम्भव है। ऐसा दान ही सच दान है क्यों दान शब्द भी असल में ठीक नहीं है क्योकि दान तो अपने से छोटे को दिया जाता है पर जब सब इंसान ही बराबर है तो छोटा बड़ा कौन है ,और यह बात भी है की विद्या दान किसी को अज्ञानता के अँधेरे से बाहर निकल देना ही एक सच दान है। बाकि कोई चीज हम दान कर भी नहीं सकते है क यो सभी चीजे तो परमेश्वर ने हमे दान में दी हुए है और हम तो सिर्फ उसकी ही दी हुए चीजे देकर आदान प्रदान कर सकते है। देश में भड़ती गरीबी का कारन यह भी एक है की मंदिरो में दान देना जिसपर टैक्स बहुत काम होता है और कभी कभी तो नहीं होता है  ऐसे स्थानो पर दिया हुआ पैसा वहाँ पर ही रह  जाता है और उसका कही आदान प्रदान नहीं होता है जिसके की वजह से पैसा रुक जाता है और देश में गरीबी को पैदा करने में मदद  करता है। हम सबको ही इस बात का प्रन लेना चाइए की अज्ज से हम ऐसा ही दान करेंगे और अगर ऐसा दान  लग जाये तो इस देहस और दुनिया की तस्वीर ही  बदल जाये

मन की तृप्ति

मन की तृप्ति और शांति के लिए पता नहीं हूँ क्या क्या करते है पर हमे कभी  नहीं यहाँ पर तृप्ति प्रपात नहीं होती है इसका कारन क्या है  हमे पता  नहीं है सुख के पीछे  भागते हुए पता नहीं कितने जनम हो गए है पर सुख का एक लेश मात्र भी नहीं एक मनुष्य के हाथ में आया है। बस हम यहाँ पर पदार्थ वाद क ई दौड़ में इतना उलज कर रह गए है की जितना लोभ के पीछे भगा उतना ही दिल का चैन खो  गया है। गुरु नानक ने यही कहा है की भूख्या भूख न उतरे जे बना पुरिअ भार के चाहे तुम पूरी दुनिया की दौलत इकठी क्यों न कर लो तब भी दुःख ने हमारा पीछा नहीं छोड़ देना है। असल में जिस सुख को हम  बहार की दुनिया में खोज रहे है वो असल में कही पर बहार नहीं बल्कि हमारे ही भीतर हमारा शुद्ध चेतन पूर्ण टूर से सुख सरूप है और कभी दुःख उसमे होता ही नहीं है बल्कि दुःख हमारे ही अंदर की सोच से जनम लेता है चाहे मनुष्य कितना भी दुसरे को धोखा देकर सोचता रहे की यहाँ पर  धन इकठा करके में सुख हासिल कर लूंगा पर असल में सचयी इससे उलट  होती है ,जब  जब धन का अम्बर लगता है इसका जीवन उतना ही नरक में चला जाता है ,,असल में हम यह नहीं कह रहे  है की धन   वास्तु है जिससे आपको नुक्सान हो सकता है जा फिर यह कोई ऐसी वास्तु है जिससे कोई लाभ ही नहीं है पर धन की सोच में धोखा करना और लालच वास होकर गैर कानूनी काम कर देना यह एक बहुत बड़ा अप्राद है ,भारत एक गरीब देश है यह सिर्फ एक भरम है सच तो  यह है की हमारा देश असल में गरीब बना दिया है कुश चाँद भरष्ट लोगो ने वार्ना अज्ज भी  देश एक अमीर देश में शुमार होता है। कैसे हमारी जिनगी सही तरीके से चल पड़े और हम यहाँ पर सभी सुखी हो यह तब ही सम्भव है जब  हम उस परमेश्वर की कृपा का एहसास करे और लोभ त्याग कर सिर्फ और सिर्फ अपने काम की और धयान दे यही एक सुखी जिनगी जीने का तरीका है। ईमानदारी यहाँ होती है वही पर सारी चीजे  जाती है। क्योकि यहाँ यह चीज है वह पर क ओइ किसी का हक्क नहीं मारता है और सव लोग आपस में एक दुसरे का सहयोग करते है और जिससे गरीबी और अमीरी का फरक मिटता जाता है और देश के रूप में विकसशली बनते जाते है और तभी एक शक्तिशाली देश के रूप में हम उभर उभर सकते है। शक्ति सिर्फ धन ही की नहीं होती है बल्कि चरितर और धरम की भी होती है इसी लिए अज्ज भारत को अपने धरम की और  होगा जिससे एक बार यह फिर से विषब गुरु की उपादि पर आ जाये

Chủ Nhật, 18 tháng 1, 2015

what is love

what is love always we think that what is love ,all people know it that its time to be k ind and kind of the main time ,i think llove is j ust a kind of felling that is give us happiness and enjoyment and we think that is love

Thứ Bảy, 17 tháng 1, 2015

Is the black magic true

Is the black magic true,many people wan ts to know this truth that black magic is work or not but the truth is that black magic is not the real black magic ,it is just a fraud with the people and they just try to grab the some kind of money from the innocent people who have faith in it and think that this can help them in a good way ,But all this kind of things have the mental effect on someones health,they are just thug people who just try to steal money from you,we know that life is the full of pain and sorrow and it is the part of  our life so why we are thinking that if some kind of things help us in this kind of situation ,,,i just know one thing that all things in the gods hands and we should leave everything on the the supreme lord the god parmeshvar waheguru ,,,,so if anytime or anywhere someone ask you about black magic you should give them this answer

जनम और मरण

जब से मनुष्य पैदा हुआ है तबसे इसी खोज में जुटा हुआ  दुनिया में हम क्यों पैदा हुए है और इस दुनिया से अग्गे इसने कहा पर जाना है पर अगर हूँ कुश धार्मिक ग्रंथो की और देखे तो हमे मालूम  की दुनिया में हम  यहाँ  किसके  लिए पैदा हुए है और क्या करने ए है और क्या हमारा लक्ष है और क्यों हम यहाँ पर कर रहे है जे जीव क्या है कहा से आता है और कहा चला जाता है जे सब सवाल भी हमारे दिमाग में  बार घूम रहते है इसी  लिए तो परमात्मा अपना ज्ञान हमे देता रहता है असल में जनम और मरण भी इसी कड़ी का ही एक हिस्सा मात्र ही है क्योकि जनम और मरण हमे यहाँ पर ज्ञान देने के लिए ही तो मिला है ,जबतक जनम और  मरण रहता है तबतक हम ज्ञान की और से उनत होते रहते है और यही इसका मकसद है की हम ज्ञान के रूप से अपने अप्प क ओ उन्नत कर पाये और हमेशा ककए लिए अपनी उसी अवस्था में पुहंच जाये जिस पर हम ए है। यही इस इंसान का एक लखस है पर जब तक हम इस ज्ञान की प राप्ती नहीं कर लेते है तब तक हमे शरीर मिलता ही रहता है और यह कोई  प्रकोप नह  बल्कि उस         बहुत बड़ी कृपा है हम पर की हम सब यहाँ पर  नया ज्ञान हासिल करते जा रहे है इसी   ही तो विकास सम्भव  है इस दुनिया  भी कोई भी ज्ञान है जेह ज्ञान अतर आत्मा का ही एक प्रतीक है सारा का सारा ज्ञान ही अंतर आत्मा से अ रहा है और यही  को ज्ञान  मगर हम अगर  ज्ञान को अग्गे बढ़ाने की  करते रहेंगे तो यह ज्ञान  भी पहंच सकता है।  का हिस्स्सा है जब तक  को जान  इसको रहने  आसरा चाहिय ही और इसको यह असर यहाँ पर सरीर  से ही मिलता है सरीर अब मन का  घर है मगर जब यह अपने निज सरूप को जान लेता है तो इसका भरम दूर हो जाता है और हीर इसको कोई दूसरा सरीर धारण करने की  कोशिश नहीं रहती है यही  ज्ञान सरूप आत्मा है

Thứ Sáu, 16 tháng 1, 2015

धर्म और धंधा

यही आज के ज़माने की सचाई है की धर्म एक धंधा बन गया है सब  के लिए जबकि धर्म के पैसे से कोई भी सम्बन्ध नहीं है। पैसा तो दुनिया में फसाने वाली चीज है जो ज्ञान मार्ग और मुक्ति मार्ग में रूकावट है। पर यह भी नहीं  है की पैसा होना रूकावट है असल में पैसे में मन का  हुआ होना ही सबसे बड़ी रूकावट है। यही सबसे बड़ी भूल है। पर आज चारो तरफ अगर नजर मर कर हम देखते है तो बहुत सरे बाबा लोग धर्म की परिभाषा हमारे सामने गलत पेश कर रहे है जो  की सारा सर झूठ बात है पर असल में सबका एक ही लक्ष है धन माया क्योकि धर्म की शिक्षा ही माया के ऊपर टिकी हुए है क्योकि वो सब लोग जो बाबा बने हुए है सबकी एक ही मंशा है की किसी तरह दुनिया को लूट कर पैसा इकठा  कर लिया जाये जो  की सारा सर गलत बात है पर अगर हम देखते भी है की क उष बाबा लोग ठीक भी हो सकते है पर सभी के बारे में हम ऐसा नहीं कह सकते है क्योकि कुश लोग दुनिया में  ज्ञान का प्रचार प्रसार कर रहे है पर ऐसे लोग बहुत काम ही है नहीं तो वो दुनिया के सामने है और न ही दुनिया में उनकी कोई भी बात है यही यहाँ की सचाई है की सच का सामना करना हर किसी के बस की बात नहीं है और जब लोगो के सामने ऐसे पाखंडी बाबा लोगो की सचाई सामने अति है तो लोगो की शारदा टूट जाती है और यही  बात कभी कभी दंगो का रूप भी ले लेती है। पर असल में यदि ह उम देखगे की यही देहस और दुनिया में रहा है धर्म और जाती के नाम पर लोगो को लड्डा कर लूटा जा रहा है। इस सभी का एक ही हल है की लोग खुद ज्ञान और अज्ञान में से फैसला करना सीख ले की क्या हम जिस मार्ग पर चल रहे है उसमे हमारे सामने कोई ऐसा संत तो नहीं जिसको लोभ वष होकर पैसा   लालच है और वही हम सबको एक कुए की और धकेल रहा है जिसमे न सिर्फ पड़ी लिखी श्रेणी है बल्कि अनपढ़ तबका ज्यादा है और ऐसा संत का अंत  चुके है की क्या होता है। रामपाल और आसाराम जैसे लोगो का अंत हमारे सामने ही है उसकी क्या दशा हुए है। अब  इस देश को जागने के टाइम है अगर यह देश इस पाखंड की नींद से न जागा तो न जाने इस देश  हाल होगा

परमेश्वर और साइंस

परमेश्वर और साइंस एक बहुत ही अलग अलग विष रहा है लोग सोचते है ,,,पर यह बात ऐसा नहीं है धर्म और साइंस अलग अलग   नहीं है पर असल में परमेश्वर  ने ही अपने हुकम से सृष्टि की रचना की है और यह रचना भी एक पर्कार के ज्ञान से हुई है। और यही ज्ञान अज्ज हम इसकी खोज कर रहे है। और  यही खोज को आज  साइंस कहते है पर हम  यह नहीं जानते है की इस विज्ञान को  सबसे पहले पैदा किसने किया है और उसको वो रूल्स किसने प्रदान किये है। नास्तिक लोग हमेशा पर्किर्ति को ही सबसे बड़ी शक्ति  मानते है ,पर और वो यह नहीं जानते है की पर्किर्ति को यह शक्ति कौन प्रदान करता है ,पर्किर्ति को यह शक्ति परमेश्वर ही प्रदान करता है क्योकि सब उससे ही तो पैदा हुआ है। जब कुश विज्ञान की खोज करने वाले यह नहीं मानते है की हम तो सिर्फ परमेश्वर की बनायीं हुए सृस्टि  निजामों की खोज ही कर रहे है पर यह नहीं जानते को ग्रेविटी और सूरज में तेज यह किस पर्कार होता है। धरती की दूरी भी बहुत सटीक है पूरी पूरी न बहुत ज्यादा न बहुत कम होती है और यह करने के लिए हमेशा ही ऐसी चेतना  जरुरत पड़ती है और ऐसी चेतना किसी दिमाग वाले की हो सकती है और यह एक बहुत बड़ी चेतना का ही कमल है ,,,उसी कोई सृष्टि का करता कहा जाता है। और यही करता परमेश्वर उसको कहा जाता है उसी से सृष्टि उत्पन होती है और उसी में सृष्टि ले हो जाती है इसी लिए  अरमेश्वर को जानना और मन्ना से फरक पड़ता है क्योकि परमेश्वर को जानने का साधन है बस एक मात्र है जो सिर्फ ज्ञान है और कुश भी नहीं है जब दुनिया के सभी काम हम ज्ञान के माध्यम से ही सम्पूर्ण कर ते है तो परमेश्वर को जानने का कार्य भी बिना ज्ञान से होना कैसे सम्भव है यही धर्म का सार है

Thứ Hai, 12 tháng 1, 2015

कविता

चलते चलते दुनिया की राहो में
     कितने दोस्त मिलते है
कुश याद बन कर रह जाते है गुजरे ज़माने की
      कुश साथ साथ चलते है 
पहेली सी है जिन्दगी सब के लिए
  बस  ऐसे कोई गुजार रहा है इसको
 वैसे ही यह गुजरती है
भूल कर भी भगवन को भूलता नहीं हुए कभी
  क्योकि मेरे से ज यदा फिकर उसको है


Thứ Sáu, 9 tháng 1, 2015

क्या हमारे बस कुश है

क्या हमारे बस  कुश है य़ेह एक ऐसा सवाल है जिसका आज तक कई मतों ने अपना अपना मत पेश किया है किसी ने इस में करम सिद्धांत को पेश किया   से अपनी मर्जी से कोई धार्मिक करम बताये है पर यह सभी करम जिसको  कर कर रहे है असल में करम तो नहीं है। असल में बहुत से ऐसी चीजे हमारी जिंदगी  जो की हमारे ही बस से बहार हो जाती है तब हमे पता चलता है की ऐसा बहुत कुश है जो हमारे बस में नहीं हो रहा है। तो  हमे तो बस यह भरम पड़ा   हुआ है की यहाँ कुश हमारी मर्जी से चल रहा है। पर ऐसा बिलकुल  नहीं है यहाँ सब कुश उस परमेश्वर की मर्जी से चल रहा है। अब यहाँ पर एक बात हमारे मन में आएगी की अगर यहाँ पर सब कुश यहाँ हमारी मर्जी से नहीं हो रहा है तो क्या बुरा भी अपनी मर्जी से नहीं हो रहा। इसमें भी एक  भेद है उसमे भी एक ज्ञान है परमेश्वर सब ज्ञान सबको दे रहा है और ज्ञान देने का तरीका अलग अलग है। क्योकि सब का  सभाव  अलग अलग है और सबको  किसी एक तरीके से ज्ञान नहीं दिया जा सकता है सबको गलत तरीके से ज्ञान नहीं दिया जा सकता है सबको सही ज्ञान देने के लिए इसको अलग अलग हालत में परमेश्वर को रखना पड़ता है किसी को परमेश्वर गरीब बना कर उसको ज्ञान करवा रहा है और किसी को अमीर बना कर वो ज्ञान दे  रहा है उसको ज्ञान सबको देना है और वो ज्ञान उसको देना है जिसकी प्राप्ति करती हुए चेतना उसी में समा जाती है . और यही हमे यहाँ पर आकर करना है जितना हम परमेश्वर के हुकम को मानते जाते है उतना ही हुकम हमारे पक्ष में होता जाता है यही संसार का नियम है और उसी से हमारी बुद्धि अग्गे बढ़ सकती है ,अगर हम अपनी ईशा को परमेश्वर की ईशा के अधीन कर ले तो कभी भी जीवन में दुःख नहीं हो सकता है और हमेशा ही जीवन में सुख हो

क्या मरणा सच है

 बहुत बार हम सुनते आ रहे है की इस जेवण में मारना सत्य है जीन झूठ पर असल में इसकी वास्तिविक सचयी क्या है आज हम जानने की कोशिश करेंगे की क्या यह बात ठीक भी है  नही. । दुनिया में असल  सरीर को छोड़ जाता है उसको दुनिया वाले मारना कहते है पर धर्म कहता है की यह  तो  हुआ है जो लोग दुनिया से निराशावादी लोग थे और जिनको धर्म  था उसको आत्मिक जीवन के  बारे  पता था की आत्मिक जीवन क्या ह होता है। तभी उन्होंने ने कह दिया की जीना झूठ है और मारना सत्य पर अगर आत्मा अमर है तो मारना किस पर्कार सत्य हुआ क्योकि आत्मा तो  कभी नहीं मरती और ज्ञान की तलाश में भटकती हुए यह कई कई सरीर धारण  करती रहती है तो जिसको हम मरण समजा है वो दरसल एक स्थान से दुसरे स्थान पर जाना ही है आत्मा एक सरीर छोड़ कर दुसरे स्थान पर चली जाती है  दुसरे सरीर में जनम ले लेती है और यही चाकर अन्नत काल तक चलता रहता है पर यह भी है की जीवन जिसको हम मान बैठे है यह कोई जीवन नहीं है अगर हम सिर्फ रोटी के लिए ही जी रहे है क्योकि रोटी के लिए  कोई जीना।  इस पर्कार जीना सत्य है मरणा सिर्फ एक छलावा है। 

क्या पत्थर पूजा सही है

दुनिया में बहुत से ऎसे लोग है जो जड़ वास्तु की पूजा करते है और दुनिया के बहुत से इलाको में जड़ वास्तु की पूजा जुडी हुई है पर आज हम जानने की कोशिश करेंगे की जड़ वास्तु की पूजा करना धर्म के विरुद्ध है। पहली बात है निराकार इस्वर की मूर्ति बन ही सकती और उसको केवल  ज्ञान के द्वारा ही जाना जा सकता है क्योकि जो वास्तु निराकर है ज्ञान से ही उसकी जानकारी हमको होती है जैसे हवा निराकार है और ज्ञान जब हमे पता चला तब जाना के हवा भी एक पर्कार की नहीं है यह हवा भी कई पर्कार की होती है और यह सब हमे ज्ञान से  पता किया है पर अगर हम उस इस्वर परमेश्वर निराकार के ज्ञान को छोड़ कर एक जड़ वास्तु की पूजा में लग जायेंगे तो यह उस शक्ति का बहुत बड़ा अपमान है।  दूसरी बात यह है की किसी   भी जड़  की जब हम पूजा करते है तब उस वास्तु का प्रतिबिंब हमारे मन पर पड़ता ही है और वो  मन का हिस्सा बन जाती है और ऐसा करने से एक लगातार कर्म कांड चलता रहता है और इसी कर्म कांड से हमारा सभबाब्व बन जाता है और यह सब हमारी बुद्धि को भी जड़ वास्तु बना देता है और जड़ चीज की पूजा करने वाला सत्य को समझने में असमर्थ हो जाता है और उसकी सारी ज्ञान की रह ही खत्म हो जाती  धरम पाखंड की और चल पड़ता है। जड़ चीज की पूजा हमारे दिल को पत्थर जैसा बना देती है क्योकि पूजा करने वाला अपने आराध्य जैसा ही बन जाता है। दुनिया में कई अवतार हुए जिन्होंने हमे ऐसे पत्थर पूजा से बचाया और ज्ञान की राह की और लगाया और ऐसे महा पुरष का नाम था गुरु नानक देव जी ,,,,जिन्होंने इस दुनिया को सच का मारग बताया था और असली ज्ञान की और लौटने का  दिया

लोभ ही हमारा नाश करता है

दुनिया में आज पैसे की एक बहुत बड़ी दौड़ चल रही है पैसा कमाने के लिए लोग  किसी भी हद तक आज गिरते चले   रहे है। पर असल में हम खुद भी नहीं जान प् रहे है की हमे लोभ की इस बीमारी ने आज कहा पर  लाकर खड़ा कर दिया है।  दुनिए में पैसे की दोड में नैतिकता खत्म हो चुकी है हाथ ही हाथ की खा रहा है ,,,,क्योकि संतोष रुपी धन हमने विसार दिया है  … बचपन से ही हमारी लोभ की पढ़ाई शुरू हो जाती है और माप बाप हमे पैसे की मशीन बनाने में जुट जाते है। अज्ज हर तरफ पैसे की भाग तो है पर कोई  बताता है की इस दोड में हमारे रिश्ते नाते सब चकना चूर हो कर रह गए  है …लोभि वियक्ति का मन किसी को भी धोखा दे सकता है और धर्म की शिक्षा पूरी तरह से डूब चुकी है। ……इस लिए अज्ज जरुरी है की सब धर्म की और लोटे और संतोष में विलिप्त हो इसी से सच्ची शांति और सुख आना सम्भव होगा ,,,,

क्या करम सिद्धांत सही है

क्या करम सिद्धांत सही है हम बार बार इस बात पर  सोच रहते है की करम सिद्धांत क या सही है पर असल में हमें यह नहीं प ता है की करम असल में कहा किसे  जा  जाता है ,,,,,,पर असल में हमें यह नहीं पता है की दुनिया में जो कुश भी हो रहा  है सब ही तो परमश्ेवर की ईशा से हो रहा है असल में मन की सोच   करम कहा जाता है क्योकि जो  हमारे मन की सोच होती है उसी पर्कार ही हमारे विचार चलते है ,पर बाहर जो  कुश हो रहा है वो सब हमारी ईशा से नहीं अपितु परमेश्वर की ईशा से ही हो रहा है ,दिन और रात हम नहीं करते और और भी बहुत सी चीजे हम नहीं करते है और दोनों ही में काफी अंतर है ,,,,,,,,हम सिर्फ सोच ही सकते है पर उस सोच की तब्दीली हमारे बस में नहीं होती है अगर होती तो सब कुश यहाँ पर हमारी ही ईशा से होता पर ऐसा विल्कुल नहीं है क्योकि संसार में न तो हम कुश ऐसा कर रहे है और न ही हमारे करने से कभी कुश होगा यह सब ही भरम जाल है ,,,,,,पाप और पुण्य में फसे हुए जीव  की तो मुक्ति सम्भव ही नहीं है ,,,,,,,,सब जीवो की ऐसी हालत क्यों है क्यों ज्ञान के लेवल को बढ़ाने  हर एक की हालत अलग अलग है किसी को किसी तरह से परमेश्वर ज्ञान करवा रहा है और किसी को वो किसी तरह से सव उसी के हुकम से हो रहा है। 

Thứ Tư, 7 tháng 1, 2015

बालो को गिरने से बचने के लिए क्या करे

- बालो को गिरने से बचने  के  लिए क्या करे घी खायें और बालों पर घी की मालिश करें।
2- गेहूं के जवारे का रस पीने से भी बाल कुछ समय बाद काले हो जाते हैं।
3- तुरई या तरोई के टुकड़े करके उसे धूप में सूखा कर कूट लें। फिर कूटे हुए मिश्रण में नारियल का इतना तेल डालें कि वह डूब जाए। इस तरह चार दिन तक उसे तेल में डूबोकर रखें फिर उबालें और छान कर बोतल में भर लें। इस तेल की मालिश करें। बाल काले होंगे।
4- नींबू के रस से सिर में मालिश करने से बालों का पकना, गिरना दूर हो जाता है। नींबू के रस में पिसा हुआ सूखा आंवला मिलाकर सफेद बालों पर लेप करने से बाल काले हो जाते हैं।
 5- पीली बर्रे का वह छत्ता जिसकी मक्खियाँ उड़ चुकी हो 25 ग्राम, 10-15 देसी गुड़हल के पत्ते,1/2 लीटर नारियल तेल में मंद मंद आग पर उबालें सिकते-सिकते जब छत्ता काला हो जाये तो तेल को आग से हटा लें। ठंडा हो जाने पर छान कर तेल को शीशी में भर लें। प्रतिदिन सिर पर इसकी हल्के हाथ से मालिश करने से बाल उग जाते हैं और गंजापन दूर होता है।
 6- कुछ दिनों तक, नहाने से पहले प्रतिदिन सिर में प्याज का पेस्ट लगाएं। बाल सफेद से काले होने लगेंगे।
  7- नीबू के रस में आंवला पाउडर मिलाकर सिर पर लगाने से सफेद बाल काले हो जाते हैं।
 8- तिल का तेल भी बालों को काला करने में प्रभावी है।
 9- आधा कप दही में चुटकी भर काली मिर्च और चम्मच भर नींबू रस मिलाकर बालों में लगाए। 15 मिनट बाद बाल धो लें। बाल सफेद से काले होने लगेंगे।
 10- नीम का पेस्ट सिर में कुछ देर लगाए रखें। फिर बाल धो लें। बाल झड़ना बंद हो जाएगा।
 11- चाय पत्ती के उबले पानी से बाल धोएं। बाल कम गिरेंगे।
 12- बेसन मिला दूध या दही के घोल से बालों को धोएं। इससे बालों और उनकी जड़ों को मज़बूत करने में लाभ होगा।
 13- दस मिनट तक कच्चे पपीता का पेस्ट सिर में लगाएं। बाल नहीं झड़ेंगे और रूसी भी नहीं होगी।
 14- 50 ग्राम कलौंजी 1 लीटर पानी में उबाल लें। इस उबले हुए पानी से बालों को धोएं। इससे बाल 1 महीने में ही काफी लंबे हो जायेंगे।
 15- नीम और बेर के पत्तो को पानी के साथ पीसकर सिर पर लगायें और इसके 2-3 घण्टों के बाद बालों को धो डालें। इससे बालों का झड़ना कम हो जाता है और बाल लंबे भी होते हैं।
16- लहसुन का रस निकालकर सिर में लगाने से बाल उग आते हैं।
 17- सीताफल के बीज और बेर के बीज के पत्ते बराबर मात्रा में लेकर पीसकर बालों की जड़ों में लगाएं। ऐसा करने से बाल लंबे हो जाते हैं।
 18- 10 ग्राम आम की गिरी को आंवले के रस में पीसकर बालों में लगायें। इससे बाल लंबे और घुंघराले हो जाते हैं।
 19- शिकाकाई और सूखे आंवले को 25-25 ग्राम लेकर थोड़ा-सा कूटकर इसके टुकड़े कर लें। इन टुकड़ों को 500 ग्राम पानी में रात को डालकर भिगो दें। सुबह इस पानी को कपड़े के साथ मसलकर छान लें और इससे सिर की मालिश करें। 10-20 मिनट बाद नहा लें। इस तरह शिकाकाई और आंवलों के पानी से सिर को धोकर और बालों के
सूखने पर नारियल का तेल लगाने से बाल लंबे, मुलायम और चमकदार बन जाते हैं।
20- ककड़ी में सिलिकन और सल्फर अधिक मात्रा में होता है जो बालों को बढ़ाते हैं। ककड़ी के रस से बालों को धोने से तथा ककड़ी, गाजर और पालक सबको मिलाकर रस पीने से बाल बढ़ते हैं। यदि यह सब न मिलें तो जो भी मिले उसका रस मिलाकर पी लें। इस प्रयोग से नाखून का गिरना भी बन्द हो जाता है। mm

Thứ Năm, 1 tháng 1, 2015

क्या भूत प्रेत होते है

क्या भूत प्रेत होते है असल में हम सभी के  मन में यही भरा हुआ है। बचपन से  भूत प्रेत  कहानी सुनी थी की ऐसे ऐसे भूत प्रेत होते है पर असल में सचाई क्या है इस को हमे जानने  की जरुरत  है की सच क्या है। भूत असल में जो बीत चूका हो उसको कहते है आत्मा के सरीर छोड़ देने के बाद वो भूत काल में चली जाती है क्योकि जो वर्तमान में नहीं  भूतकाल का हिस्सा है। पर क्या वो कोई ऐसी चीज है जिसको लोग जैसे के आज  प्रचार किया  किसी के अंदर कोई भूत घुस गया है इस तरह   नहीं है। पहली बात तो है की जब तक हमारा सरीर से कोई वास्ता नहीं है उस टाइम तक न कुश ज्ञान  प्रपात हो सकता है न  कुश कर पता है क्योकि   इन सब काम को करने के लिए हमे सरीर की आवश्यकता की जरुरत पड़ती है। दूसरी बात है की आत्मा निराकार होने की बजह से अकार पर कोई भी प्रभाव बिना सरीर की मदद से नहीं ले सकती है और जो  कहते है की आत्मा किसी की सरीर  घुस सकती है जे बात बी बिलकुल निराधार है क्योकि बिना गर्भ धारण किये बिना सरीर के साथ आत्मा कोई सम्बन्ध नहीं बना सकती है। अब लोगो को धर्म का ज्ञान ना होने के कारन लोगो को ठगने वालो की  चाँदी है और मानसिक रोगो को भूत प्रेत का नाम देकर लोगो से उनकी खून पसीने की कमाई लूट कर ले जाते है। असल में भूत वर्तमान और भविष्य यह काल समय का नाम है जैसे कल का आज से कोई सम्बन्ध नहीं है इस लिए  आत्मा सरीर को छोड़ अवचेतन अवश्था में होती है और बिना सरीर कुश करने   करने योग्य नहीं

क्या इस ब्रह्माण्ड में हम एक ही है

क्या इस ब्रह्माण्ड में हम एक ही है यह एक ऐसा सवाल है जो न सिर्फ धर्म के मानाने वालो को बल्कि साइंस से जुड़े हर वियक्ति की खोज का विषा  रहा है। पर धर्म आदि काल से ही इस के ऊपर  चूका है की न सिर्फ  ब्रह्माण्ड में और भी कई धरतीया है जिस पर जीव रहते है बल्कि इस जैसे अन्नेक ब्रमांड भी है अब आप अंदाजा लगा कर देखिये की की इस सृष्टि में कहा तक विशाल संसार को फल हुआ पाते है। इसी लिए धर्म की खोज का उदेश माया की खोज नहीं है बल्कि आतम दर्शन  परमात्म  दर्शन है। ब्रमांड में ऐसे भी कई धरतीया है  जिस पर हमसे अलग जीव बस्ते है जिन  का पैदा होने कर तरीका भी हम से भिन है। इस तरह कई देश वहा के हमसे आगे है  देश वह के हमसे भी पीशे है। पर असल में यह ब्रमांड में अनंत सृष्टि है और जीव भी अन्नत है जिस को हम आने वाले भविष्य में जान पाएंगे जब साइंस बहुत उन्ती  कर लेगी तब इस राज़ से भी पर्दा उठ जायेगा वैसे भी आज  साइंस एलियंस की खोज   तो रही है।

सुबह पानी पीने का फाइदा

 सुबह पानी पीने का फाइदा बहुत ही ज्यादा है क्योकि सुबह पानी पानी से एक तो हमारा पेट अछि तरह  साफ हो जाता है और  पेट साफ जिसका है उसका सभी तरह की बीमारियो से बचाव रहता है

१।      सुबह पानी  पीने से हमारा दिमाग  चलता  क्योकि पानी हमारे दिमाग में एसिड का काम करता है और हमारे सरीर में लिक्विड को क खत्म नहीं होने देता
2       पानी से हमारे शरीर में जहरीले पदार्थ बहार निकल जाते है और हमारा शरीर बिलकुल शुद्ध हो जाता है इस वजह से पेट दर्द मीग्रैन पैन और कई तरह के दर्द ठीक हो जाते है।  यह एक रामबाण इलाज़ है और फ्री में भी।
3      आपके चेहरे की सुंदरता भी बढ़ जाती है एक महीने तक सुबह पानी पीने से अप्प देखोगे की चेहरा निखार जाता है और चमकदार हो जाता है
4      जिनका वजन ज्यादा हो वो रत को एक लीटर पानी ताम्बे के लोटे में भर कर रख दे और फिर सुबह नीबू इस में दाल कर गर्म करके पी ले इक महीने तक करने से बजन घट जायेगा और बहुत ही अछा असर शरीर पर भी पड़ेगा इस लिए यह मोटापे का रामबाण इलाज़ है
5    पानी आप के उम्र को भी बढ़ने नहीं देता है और आप को जवान बनाये रखता है ३ महीने लगातर सुबह एक लीटर  पानी पीने से आपकी उम्र जवान लगने लगेगी और आप को हर पर्कार की बीमारी से निजात मिल जाएगी और आपका पेट अछा रहेगा
6     एक साल तक ऐसा करने से आपका सरीर इंद्र देवते जैसा आकर्षक बन जायेगा और हर तरह की बीमारी आपसे दूर भागेगी
इस लिए सुबह पानी पीना एक अमृत के समान  है अप्प प्रयोग करके देखीये